हमे इस बात से कोई फर्क नही पड़ता अापने किसे चाहा और कितना चाहा,
हम तो सिर्फ इतना जानते है हमने तो सिर्फ आपको चाहा और हद से ज्यादा चाहा।
अब हम उनसे नही करते है ज्यादा बात,
क्योंकि उनसे मिलके रोक नही पाते है हम अपने जज्बात।
तुझे बड़ी शिद्दत से चाहा है मैंने, तुझे बड़ी मन्नतो से पाया है मैंने, तुझे भुलाने की मैं सोच भी नही सकता,
क्योंकि तुझे हाथो की लकीर से चुराया है मैंने।
मिलना है तुझसे बिछड़ने से पहले,
पाना है तुझे खोने से पहले,
और तेरे साथ जीना है मुझे मरने से पहले।
तेरी यादे भी क्या गजब की थी उनमे मैं चूर हो रहा हूँ,
लिखता हूँ सिर्फ तेरे ही बारे में और मशहूर हो रहा हूँ।